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julfo.nwaale ko kyaa pataa ghuu.NghaT me.n jal ga_ii gorii

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जुल्फ़ोंवाले को क्या पता घूँघट में जल गई गोरी -२
कोई कह दो चहिये प्यार की बस एक नजरिया तोरी
जुल्फ़ोंवाले को क्या पता घूँघट में जल गई गोरी

बस इतना चाहूँ मैं कि मोसे वो अलग न डोले, अलग न डोले
जब उस का मुख देखूँ प्यार से मैं तो हँस के बोले, तो हँस के बोले
मैं उस की बलैया लेऊँ तो मोड़े न कलैया मोरी

जुल्फ़ोंवाले को क्या पता घूँघट में जल गई गोरी

बस इतना चाहूँ मैं कि उस के संग करूँ दो बतियाँ, करूँ दो
बतियाँ
महकूँ मन में उसके गले का हार रहूँ दिन रतिया, रहूँ दिन
रतिया
कभी झटके न वो रूठ के बैया मोरी गोरी गोरी

जुल्फ़ोंवाले को क्या पता घूँघट में जल गई गोरी

हँसने पे न जाना रे कि हँस के मैं जिया बहलाऊँ, जिया
बहलाऊँ
ये तो मेरी आदत है लिये आँसू खड़ी मुसकाऊँ, खड़ी
मुसकाऊँ
मैं हो गई क्या से क्या कोई देखो रे सूरतिया मोरी

जुल्फ़ोंवाले को क्या पता घूँघट में जल गई गोरी
कोई कह दो चहिये प्यार की बस एक नजरिया तोरी
जुल्फ़ोंवाले को क्या पता घूँघट में जल गई गोरी

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Abhay Phadnis
% Date: 3 Nov 2003
% Series: Latanjali
% generated using giitaayan
		     
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