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muft hue badanaam kisii pe haay dil ko lagaa ke

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मुफ़्त हुए बदनाम, किसी पे हाय दिल को लगा के
जीना हुआ इल्जाम
किसी पे हाय दिल को लगा के
मुफ़्त हुए बदनाम

(गये अरमान लेके, लूटे लूटे आते हैं
लोग जहाँ में कैसे दिल को लगाते हैं) २
दिल को लगाते हैं, अपना बनाते हैं
हम तो फिरे नादान २
किसी पे हाय दिल को लगा के
मुफ़्त हुए बदनाम

(समझे थे साथ भेजा, किसीका सुहाना गम
उसी जो नज़र को देखा, तन्हा खडे हैं हम) २
तन्हा खडे हैं हम
दिल भी रहा है कम
रस्तेमें हो गई शाम २
किसी पे हाय दिल को लगा के
मुफ़्त हुए बदनाम

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			 % Transliterator: Pradip Shah
		     
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