Browse songs by

muggham baat pahelii jaisii

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


मुग्घम बात पहेली जैसी बस वोही बूझे जिसको बुजाये
भेद न पाये तो घबराये भेद जो पाये तो घबराये

जिसको अकेले में आ आ कर ध्यान तेरा रह रह के सताये
चुपके चुपके बैठा रोये आँसू पोंछे और रह जाये

सारी कहानी बेचैनी की माथे पर लिख देती है
ऐसी बात कि घुटते घुटते मुँह तक आये और रह जाये

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image